New Step by Step Map For sidh kunjika
New Step by Step Map For sidh kunjika
Blog Article
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं click here लभेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।